ગોદડીયો ચોરો જામ્યો હતો. મિત્રો દેશના રાજકીય પ્રવાહો અનુસરી ચર્ચાએ ચડેલા.
હું જરા પ્રાંતોના પ્રવાસે નીકળેલો એટલે મિત્રો વારંવાર ફોનથી પૂછતા કે ભાઈ અલ્યા
ગોદડીયા તારા વિના જામતું નથી જલ્દી પાછો આવી જા.
પંદર દિવસના વિરામ પછી હું પ્રવાસેથી પાછો ફર્યો છું. તો મિત્રો મને સાંભળવા ખુબ
આતુર હતા. કોદાળોજી કહે અલ્યા ક્યાંના પ્રવાસે ગયો હતો ?
મેં કહ્યું ભાઈઓ હું વારાણસીમાં સ્મશાન ગૃહે બધા પક્ષોનું બેસણું હતું ત્યાં ખરખરો કરવા
ગયો હતો ત્યાં ગમગીની સાથે બધા એક બીજા પર કટાક્ષ પણ કરતા હતા.
मित्रो अब आगे जो हुआ था वो बात में आपको हिन्दीमे कहता हु !
चुनावमे हारी हुई सब पार्टीके नेता और कार्यक्रर बाजते गाजते उपस्थित हुए !
वही बीएसपी, कांग्रेस,भाजपा,राष्ट्रिय क्रांति दल,राष्ट्रिय लोकदल सब आये थे !
भाजपावाले कलराज मिश्रको देखकर मायावतीजी बोली...........
मायावतीजीने कहा पूरी पार्टी सिमटकर रह गई फिर क्या मुंह लेकर आये हो !
मिश्राजी कहने लगे बहनजी हमारा और आपका " कल मिश्र राज था "!
वही लालजी टंडन बोले बहनजी पहेले आप टीचर थी तो टी (चाय) चरती थी!
अब तो आप टॉप चर हो जानेके बाद सब चर जाती हो आजकल यूपीमें सारी
जनता कहती हे की आप सारे प्रदेशके पेसे चर (खा) गई !
वही कांग्रेसके प्रमोद तिवारी बोले अगर आपने बाबुको (बाबु कुशवाहा ) काबुमे रखा होता
और खुश रखके वाहा वाहा करा होता तो ये नोबत न आती !
रीता बहुगुणा बोली हमारे पास राहुल बाबा हे उन्होंने पार्टीके लिए खूब जहेमत उठाई हे!
मायावतीकी पार्टीसे कोई बोला सही बात हे आपके पास राहु (राहुल) और भाजपा के पास
केतु (वरुण गाँधी ) दोनोंने आपको मुशीबतमें डाला !
आप तो बहुगुणा गुनाजी हे और आपतो कहती थी की बहुमत जरुर आयेगा तो आपने
पहेले से मत को बहु गुना यानिकी डबल गिन लिया था !
आपकी पार्टी वाले कहते थे कांग्रेस को बहु मत दो ! अब सोनियाजिको बहु नहीं मिलेंगी !
किसीसे कोई बातमे राय लेते हे जेसे की इस बारेमे आपकी क्या राय हे !
वो राय भी बरेली निकली और (खाने की राइ) राय बरेली साफ हो गया !
यानिकी राय जली हुई निकली !
किसी शब्दके आगे " अ" लगाया जाय तो विरुधार्थी शब्द बन जाता हे !
जैसे विवेकी - अविवेकी , विचार -अविचार , प्रिय-अप्रिय
वैसे जो मीठी था वो अमेठी बन गया मानो की खट्टा बन गया !
मायावती बोली हम सब कहते थे अखिलेश ( ना खिलेश ) पर मुलायमका लड़का पुरे जोशमे
खिल गया ! ये मोगल लोग चले गए और एक आजमखान को छोड़ गये सारा मेरा किया
धरा उसीने बिगाड़ा हे !
वंही कल्याणसिंह बोले भाजपावाले आपके पास तो संजय था उसकी दुरनदेशिका क्या हुआ !
उतराखंडमें भुवन का चन्द्र भंडारी गया ! आप तो कहते थे खंडूरी जरुरी हे ! वोही भन्डाराइ गया !
भाजपावाले कहने लगे पंजाबमे हरे पीले नीले बादल छा गये वो हमारी जीत हे !
अजीतसिंह बोले भाई अब हम सब एक दुसरे को सधियारा दे और आगे बढे !
और मुलायमको एक " अ " से छुटकारा मिल गया लिया ! .........अमरसिंह !
फिर भी मुलायमके पास तिन " अ " रह गये ! अखिलेश...अभिताभ...अनिल..!!!!!!
बात बातमे निवेदन करनेवाले अमरसिंहका मोर्चा मिट गया और अमरसिंह अमर हो गए !
હાટકો--- कमलको कचड़ा पंजेको पट्का हाथीको दिया ज़टका
अखिलेश हाथमे आया हे उतर प्रदेशका ही मटका
सायकिलकी निकली हे सवारी देख रही दुनिया सारी
જીતેલા ઉમેદવારો પણ માળીની દુકાને જઈને હાર માંગતા હોય છે !!!!!!!!!!!!!!!!!!!